Mutual Fund (म्युचल फ़ंड ) क्या है ?
मेरे पास इ मेल पर सवाल आया कि म्युचल फंड क्या
है और क्या इसमे पैसा बहुत ज्यादा हो
जाता है । क्या हम अपने सारे पैसे एफ डी से निकालकर इसमे लगा दे ।
इस टाइप के बहुत सारे प्रश्न मेरे पास आये है और
मै उनको समझाने का प्रयास कर रहा हु ।=======================================================
सबसे पहले समझते है कि म्युचल फंड क्या है ? जब हम कोई शेयर मार्केट से शेयर खरिदते
है तो हम एक विशेष (particular) कम्पनी का
शेयर खरीदते है । शेयर मार्केट उपर हो या निचे यदि उस कम्पनी का शेयर बडेगा तो हमारा
पैसा बडेगा और घटेगा तो घटेगा । इस प्रकार के जोखिम से बचने के लिये म्युचल फंड होता
है ।
म्युचल
फंड मे एक फंड मनेजर होता है जो कि प्रोफेश्नल होता है और उसे शेयर मार्केट का अच्छा
ज्ञान होता है । वह हमारे पैसे, शेयर मार्केट मे अलग अलग कम्पनियो मे
लगाता है जिससे की यदि किसी कम्पनी का शेयर घटे और दुसरी कम्पनी का शेयर बडे तो बलेंस बराबर रहेगा और
हमारा नुकसान होने से बचेगा । यदि फंड मेंनेजर को लगा कि इस कम्पनी का शेयर भविश्य मे घटेगा तो वह उस कम्पनी से दुसरी कम्पनी मे शिफ्ट हो जायेगा । इसके अलावा
भी वह अलग अलग फंड्स मे निवेश करता है ।
NAV
– Net Asset Value è जब
हम कोई म्युचल फंड खरीदते है तो वह हमे युनिट के रूप मे खरीदना पडता है और जिस किमत
पर खरीदते है उसे
NAV
(Net Asset Value) कहा जाता है
। जैसे शेयर की किमत होती है वैसे ही म्युचल
फंड मे NAV
होता है |
एस आई पी (SIP)
क्या है ? è
एस
आई पी (Systematic Investment
Plan) के तहत हम हर महीने
एक निश्चित राशी जमा करना होती है । यह एक प्रकार की आर डी (RD) है
| एकमुश्त राशी जमा करने के बजाय यह बेहतर होती है
क्योकि इसमे हर महीने की NAV का एवरेज होता जाता है ।
क्या इसमे पैसा बहुत तेजी से बडता है è
म्युचल फंड मे निवेश
भी शेयर मार्केट मे निवेश के समान है । प्रत्येक म्युचल फंड बडेगा या घटेगा एसा जरुरी
नही है । एक कम्पनी या बैंक के बहुत सारे मयुचल फंड होते है कोई मयुचल फंड बढता है
तो कोई घटता है । आपने किस म्युचल फंड मे पैसा लगाया है उस पर निर्भर करता है । कुछ फंड्स का परर्फोर्मेंस
आज की तारीख मे अच्छा होता है इसका ये मतलब
बिल्कुल नही है कि आगे भी एसा ही रहेगा । आप जिस समय पैसा निकालेगे उस समय उसकी जो
किमत होगी उसके हिसाब से ही पैसा मिलेगा ।
क्या हम अपने सारे पैसे एफ डी से निकालकर इसमे लगा दे । è बिलकुल नही । म्युचल फंड मे पहले 10% से 20% पैसा ही लगाये और थोडे समय रुक जाये फिर फंड की परर्फोर्मेंस देखते हुए आगे का निर्णय ले । यदि आपने बैंक मे एफ डी कर दी है और उसकी मेचुरिटी को कम समय है या वह 8% से उपर की ब्याज पर है तो उसे ना तोडे ।
आप बस यह जान ले कि बैंक की एफ डी का ब्याज निश्चित होता है जब कि म्युचल
फंड मे ब्याज अनिश्चित होता है और बैंक की एफ डी मे मुलधन कभी कम नही होता चाहे हम
उसे कभी भी तोडे इसके विपरीत म्युचल फंड मे मुलधन (principal
amount) भी कम हो सकता है
। बैंक की एफ डी मे हमे ब्याज कम मिलता है जब कि म्युचल फंड मे कुछ भी हो सकता है,ज्यादा, बहुत
ज्यादा, कम या नेगेटिव ।
म्युचल फंड क्यो लेना जरुरी है è बैंक मे एफ डी करने पर जो ब्याज मिलता है उससे ज्यादा तो महगाई बड जाती है । उदाहरण के लिये यदि आपके पास आज 10000 रुपये है । आपने इसे बैंक मे 5% की ब्याज दर पर 3 वर्ष के लिए एफ डी किया । तो तीन साल के बाद आपको बैंक के द्वारा 11500 रुपये देगी । अब यदि महगाई 6% से बढ्ती है तो जो वस्तु आज आपको 10000 रुपये मे मिल रही वही तीन साल के बाद आपको 11800 मे मिलेगी अर्थात आपके पैसे का मुल्य कम हो गया । जिस तरह आज हम देख रहे है उसको देखते हुए महगाई दर ज्यादा भी हो सकती है । इसको देखते हुए हमे रिस्क लेने की आवश्यकता होती है । इसमे सबसे अच्छा आप्शन म्युचल फंड है लेकिन इसमे फंड का चुनाव सोच समझ कर करे या एक्स्पर्ट की राय ले । अलग अलग फंड मे निवेश करे जिससे की बलेंस बना रहे ।
म्युचल
फंड कैसे खरीदे è इसे
आप आंलाईन खरीद सकते है इसमे पेन कार्ड का होना अनिवार्य है । यदि आप फंड का चुनाव नही कर पा रहे है तो किसी एक्स्पर्ट से सलाह ले ।
Comments
Post a Comment