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Bonds (बांडस) क्या है ?

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  जब किसी कम्पनी को मार्केट से पैसा लेना होता है तो या तो वह आइ पी ओ (IPO) लाती है या बांड इसु करती है । आइ पी ओ की ज्यादा जानकारी के लिए निम्न लिंक को क्लिक करे । IPO क्या है ? बांड मे एक निश्चित ब्याज दर (इसे कुपन रेट कहा जाता है) होती है और समय भी निश्चित होता है । अर्थात कम्पनी आपसे बांड के जरिये निश्चित समय के लिए फिक्स ब्याज दर पर लोन लेती है । ब्याज दर हमेशा बैंक एफ डी से ज्यादा होता है जिस पर शेयर मार्केट का कोई प्रभाव नही होता है ।  बांड आप किसी ब्रोकर की साइट से खरीद सकते है । इसमे डिमेट अकाउंट होना जरुरी है । कम्पनी बांड क्यो इश्यु करती है :  जब किसी कम्पनी को पैसे की आवश्यकता होती है तो उसके पास तीन आप्शन होते है,  1.  आइ पी ओ निकालकर पब्लिक से पैसा ले - इसमे उसको अपने कुछ शेयर पब्लिक को देने होते है जिससे की कम्पनी के मनेजमेंट की शेयर होल्डींग कम हो जाती है । कुछ कम्पनीया एसा नही करती है । 2.  बैंक से लोन ले - यह किसी कम्पनी के लिए एक अच्छा तरीका है लेकिन इसमे उन्हे ब्याज दर ज्यादा देनी होती है । 3. बांड के माधय्म से पब्लिक से पैसा ले - इसमे उन्हे आइ पी ओ भी नही लाना पडता

SIP या Lump sum (एकमुश्त) - कौन सा बेहतर - Mutual Fund

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मेरे पास बहुत से मेल आए हैं जिसमें लोगों ने पूछा है कि म्यूचल फंड में पैसा एक साथ जमा करना अच्छा होता है या एस आइ पी  मे अच्छा होता है । मेरे विचार से एस आइ पी (SIP - Systematic Investment Plan) ज्यादा बेहतर होता है । इसके अंतर्गत आप हर महीने एक निश्चित पैसा  लगाते है जिससे की  मार्केट के उतार चडाव का एवेरेज हो जाता है और हानी होने के अवसर कम होते है । इसमे जैसे की आपको हर महिने पैसा देना होता है अर्थात आज आपको एकमुश्त राशि की आवश्यकता नही  होती । इसके विपरीत यदि आप एकमुश्त राशी लगाना चाहते है तो उसके लिए आप अलग - अलग फंड  मे लगाए जिससे की यदि एक फन्ड मे कुछ प्राब्लम होती है तो वह दुसरे से बेलेन्स हो जाती है और ज्यादा हानी होने से बच जाते है । बहुत से प्रश्न है कि इसमे साधारण ब्याज होता है या चक्र्व्र्धि ब्याज होता है ? म्युचल फंड मे कोई ब्याज दर नही होती है । केवल पैसे की वेल्यु बढती है जिसको बाद मे केलकुलेट करके ब्याज दर निकाली जाती है । यह एक इनवेस्टमेंट है सविंग नही है ।   इनवेस्टमेंट और सेविंग की डिटेल्स के लिए निचे लिन्क पर क्लिक करे ।    Saving और Investment मे क्या अंतर है । जै

NPS और PPF मे क्या अंतर है

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  मेरे पास कुछ मेल आये है जिसमे यह पुछा गया है कि हम PPF और NPS मे से कौन सा ले । तो इसके लिए सबसे पहते हम समझते है कि ये क्या है ? PPF - Public Provident Fund -  हम यह जानते है कि सरकारी कर्मचारी का GPF अर्थात एक फंड होता है जिसमे की कर्मचारी के वेतन का 12% ( बेसिक) कटता है जिसके उपर बेंक एफ डी से ज्यादा ब्याज मिलता है और रिटायरमेंट के समय एकमुश्त राशि मिल जाती है । वैसे ही प्राइवेट कर्मचारी के लिए EPF होता है । लेकिन आम नागरिक के लिए एसा कुछ नही था । इसलिए गोवर्मेंट ने एक पब्लिक के लिय फंड बनाया जिसका नाम PPF है जिसमे कोई भी व्यक्ति पैसा जमा कर सकता है, और 15 वर्ष के बाद पुरा पैसा ले सकता है । अर्थात यह लम्बे समय का निवेश है । इसमे कुछ बाउंडेशन है जैसे कि 15 वर्ष के पहले आप पैसे नही निकाल सकते । यदि आपको आवश्यक हो तो 3 से 5 वर्ष के बीच आप लोन ले सकते है लेकिन वह दुसरे साल के 25% के बराबर ही मिलेगा । यदि 5 वे साल तक आप पहले का लोन पुरा कर देते है तो 6 वे वर्ष फिर से लोन ले सकते है । 6 वर्ष के पुर्ण होने के बाद आप 50% पैसा निकाल सकते है । इसका ब्याज हर वर्ष फाइनेंस मिनिस्ट्री तय करती ह

Saving और Investment मे क्या अंतर है ?

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हम अधिकांशत: दो शब्द सुनते है एक सेविंग और एक इनवेस्ट्मेंट । आखिर क्या है इनमे अंतर, इसे हम समझते है । सेविंग (Saving या बचाना) - सेविंग के अंदर आपके द्वारा बचाया हुआ पैसा या तो आपके पास होता है या उसे फिक्स डिपोसिट मे नियत ब्याज पर जमा किया जाता है । अर्थात उसके कम होने की सम्भावना नही होती है और न ही वह ज्यादा बढ्ता  है । इंवेस्ट्मेंट (Investment या निवेश) - इंवेस्ट्मेंट के अंदर आप अपना पैसा कही लगाते हो जैसे कि प्लाट खरिदना, शेयर खरीदना, म्युचल फंड मे लगाना, मकान खरीदना, आदि । इसके अंदर लगाया हुआ पैसा  कुछ वर्षो के बाद या तो ज्यादा या कम भी हो सकता है ।  उदाहरण के लिए आपने किसी एक जगह प्लाट खरिदा, कुछ वर्षो के बाद उस जगह पर ज्यादा डेवलपमेंट हो गया आपके प्लाट के भाव चार गुना हो गये इसके विपरित उस जगह पर कोई डेवलपमेंट नही हुआ और आपके प्लाट कोई लेने वाला भी नही है तो आपने जितने मे खरिदा उससे कम मे बेचना पड गया या फिर उसके बडने का इंतजार करना पडा । बस इसे ही कहते है इंवेस्ट्मेंट या निवेश। जिस तरह हमे प्लाट लेते समय उस जगह के भविष्य के बारे मे जानना जरुरी है वैसे ही  म्युचल फंड खरिद्ते

NFO क्या है ?

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  जब कोई म्युचल फंड कम्पनी नया म्युचल फंड लांच करना चाहती है तो उसे लांच करने के पहले एक आफर निकालती है जिसे NFO (New Fund Offer) कहते है ।  इसका प्रारम्भिक मुल्य जिसे NAV (Net Asset Value) कहा जाता है वह 10 रुपये से शुरु होता है । इसमे कम से कम 1000 से 5000  रुपये का इंवेस्ट्मेंट जरुरी होता है वह फंड पर निर्भर करता है ।  यह  IPO से अलग है  इसमे आपको म्युचल फंड   अधिकाशत: मिल ही जाते है ।  जबकि  IPO मे एसा नही होता है । (IPO की डिटेल के लिये IPO क्या है ?   👈     क्लिक करे । अब प्रश्न यह है कि क्या इसे लेना फायदेमंद है ? यह तो उस फंड पर निर्भर करता है सभी फंड का NFO  फायदेमंद नही होता है । लेकिन कुछ फंड बहुत ज्यादा रिटर्न देते है इसलिए फंड का चुनाव किसी एक्सपर्ट से करवाय । जो म्युचल फंड पहले से चल रहे होते है उसका आप पिछला रिकार्ड देखकर अंदाजा लगा सकते है लेकिन यह एक्दम नया फंड होता है इसलिय इसका कोइ पिछला रिकार्ड होता ही नही है ।     

QR Code कितना सुरक्षित (safe) है ?

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  मेरे पास एक कमेंट आया कि क्या QR कोड सुरक्षित (safe) है ?  और QR कोड से समान पेमेंट प्राप्त करने पर भेजने वाले का कैसे पता चलता है । तो सबसे पहले हम यह जाने कि QR कोड क्या है ।